एक शख़्स (बापू)
एक शख़्स ,जिसकी शख़्सियत थीं एक। दुनिया में जिसकी तबीयत की कैफियत थीं एक।। जब चला था ,वो एक तन्हा मुतासिर। कुछ बरोज़ पे था वो हर दिल पे हाज़िर।। पूरा करके गया, अहद वो अकेला बन्दा। ...